योगावतर गाँधी | yugavatar gandhi question answer
नमस्कार,
आज मै कक्षा-8 क़े एक विषय -प्राची भाषा सेतु क़े एक अध्याय -'योगावतर गाँधी' क़े बहुविकल्पीय प्रश्न और आप क़े लिए ले कर आया हुँ और ऐसा ही और अन्य विषय का प्रश्न और उत्तर ले कर आता रहूँगा.
बहुविकल्पी प्रश्न
1. गाँधी जी ने अपने पद प्रहार से क्या ध्वस्त कर दिया ?
( क ) धर्माडंबर का खंडहर
(ख ) अंग्रेजी साम्राज्य
( ग ) गुलामी की मानसिकता
(घ ) उपरोक्त सभी
उत्तर :- ( क ) धर्माडंबर का खंडहर
2. गाँधी जी किस निर्माण में व्यस्त रहे ?
( क ) राष्ट्रपति भवन
(ख ) मानवता का पवन मंदिर
( ग ) सांप्रदायिकता के खिलाफ़ सोच
(घ ) भारत का संविधान
उत्तर :- (ख ) मानवता का पवन मंदिर
3. गाँधी जी देश में कैसा राज चाहते थे ?
( क ) राष्ट्रपति शासन
( ख ) लोकतंत्र
(ग ) राजतंत्र
( घ ) रामराज
उत्तर :-( घ ) रामराज
4. गाँधी जी भारत माता का ताज किससे मढ़ते हैं ?
( क ) सोने से
( ख ) हीरे से
( ग ) आत्माहुति के मणि - माणिक से
( घ ) उपरोक्त सभी
उत्तर :- ( ग ) आत्माहुति के मणि - माणिक से
5:गाँधी किसके प्राणों में अभयदान भरते हैं ?
( क ) डरे हुए लोगों के
( ख ) पिसती कराहती जगती के
( ग ) कैदियों के
( घ ) क्रांतिकारियों क
उत्तर :- ( ख ) पिसती कराहती जगती के
6. प्रस्तुत कविता के कवि हैं ?
( क ) हजारी प्रसाद द्विवेदी
( ख ) महावीर प्रसाद द्विवेदी
( ग ) सोहनलाल द्विवेदी
( घ ) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर :- ( ग ) सोहनलाल द्विवेदी
लघु उत्तरीय प्रश्न और उत्तर:-
1. गाँधी जी को युगावतार क्यों कहा गया है ?
उत्तर :-
गांधी जी को युगावतार इसलिए कहा गया है क्योंकि गांधी व्यक्ति नही एक युग है .
2. गाँधी जी के संकेत पर करोड़ों देशवासी किसलिए तैयार हो जाते थे ?
उत्तर :-
गांधी जी के संकेत पर करोड़ो देशवाशी इसलिए तैयार हो जाते थे क्योंकि वह अहिंसा के मार्ग पर नही चलते थे .
3. ' रणभेरी तेरी बजती है'– किसकी , कौन - सी रणभेरी बजती है ?
उत्तर :-
रणभेरी तेरी बजती है महात्मा गांधी , आजादी की रणभेरी में बजती है .
4. ' मानवता का पावन मंदिर ' क्या होता है ?
उत्तर :-
मानवता का पावन मंदिर यह होता है कि सोर धर्म वाले व्यक्ति मिल जुल कर रहते है आपस मे प्रेम से .
5. ' राजतंत्र के खंडहर ' क्या हैं ?
उत्तर :-
राजतंत्र का खंडहर यह ही कि राजा का संतान ही राजा बन सकता है .
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. ' तुम बोल उठे , युग बोल उठा ' से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर :-
तुम बोल उठे , योग बोल उठा से कवि का यह आशय है कि गांधी जो जब बोलते है तब पूरा युग बोलता है और जब गांधी चुप रहते है तब पूरा युग चुप रहता है . सब गांधी जी को अनुसरण करते है .
2. ' धर्माडंबर के खंडहर ' से कवि किस ओर संकेत करता है ? उसमें गाँधी जी ने क्या किया ?
उत्तर :-
धर्माडंबर के खंडहर से कवि का यह संकेत करते है को जो लोग , कोंगो को बेवकूफ बनाते है तथा हमे लूटते है और लोगो को अन्धविश्वाश में रखते है . गांधी जी ने पद प्रहार से अहिंसावादी से इसे हवस्त कर दिया .
3. युग - द्रष्टा और युग - स्स्रष्टा किसे कहा गया है और क्यों ?
उत्तर :-
युग - द्रष्टा और युग गांधीजी को कहा गया है क्योंकि वह युग के जानकारी रखते थे .
4. ' मढ़ते जननी का स्वर्ण ताज ' – इसमें ' जननी ' शब्द किसके लिए आया है ?
उत्तर :-
मढ़ते जननी का स्वर्ण ताज इस वाक्य में जननी भारत माता के लिए आया है .
- 5. ' प्राणों में भरते अभयदान ' से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर :-
प्राणों में भरते अभयदान ' से कवि का आशय है की इसे सहमी जगती को भय से छुटकारा दिलाने ही अभयदान होता है .
6. सप्रसंग व्याख्या कीजिए :
( क ) धर्माडंबर के खंडहर पर , कर पद- प्रहार कर धरा ध्वस्त । मानवता का पावन मंदिर निर्माण कर रहे सृजनव्यस्त ।।
उत्तर :-
प्रसंग --
प्रस्तुत पंकिती हमारे पाठ्य पुस्तक भाषा सेतु के युगावतार गांधी , शीर्षक पाठ से ली गई है . इस कविता के कवि सोहन लाल द्विवेदी है . इस कविता में उन्होंने गांधी जी के बारे में बताया है .
व्याख्या --
प्रस्तुत पंकिती में कवि कहते है कि धर्मांडम्बर अर्थात धर्म के नाम पर जो दिखावा होता है वो ढोंगी होता है .
( ख ) हे युग - द्रष्टा , हे युग - स्स्रष्टा , . पढ़ते ये कैसा मोक्ष - मंत्र । इस राजतंत्र के खंडहर में , उगता अभिनव भारत स्वतंत्र ।।
उत्तर :-
प्रसंग --
प्रस्तुत पंकिती हमारे पाठ्य पुस्तक भाषा सेतु के युगावतर गांधी , शीर्षक पाठ से ली गई है . इस कविता के कवि सोहनलाल द्विवेदी है . इस कविता में उन्होंने राजतंत्र के बारे में बताया है।
व्याख्या --
प्रस्तुत पंकिती में कवि कहते है कि राजतंत्र अर्थात राजा का बेटा ही आगे चलकर राजा बनेगा यही राजतंत्र कहता है .
7. भाव स्पष्ट कीजिए :
( क ) आत्माहुति के मणि - माणिक से , मढ़ते जाते जननी का स्वर्ण - ताज ।
उत्तर :-
इस पंक्ति का यह भाव है कि अपना बलिदान का रत्न भी हो जाए वो भारत मत के लिए सोने का मुकुट भी बन जाते है.
( ख ) कुछ कर्म तुम्हारे संचित कर , युग - कर्म जगा , युग - धर्म तना ।
उत्तर :-
इस पंकिती का यह भाव हैकि गांधीजी ऐसे काम करते थे कि लोग उसके काम और कर्म से आकर्षित होजाते थे .
8. इस कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर :-
इस कविता में गांधी के बारे में बताया गया है जो युगावतर भी कहलाते है .उनके विचारधारा अहिंसात्मक थे ,लोग इन्हें देवता मानते थे गांधी जी एक व्यक्ति नही एक योग है, एक विचार है, जो कभी खत्म नही होगी . आजादी के लड़ाई के समय गंदी जी का जो स्वरूप निखर कर सामने आया ,वो इसकी कविता में बताया गया है.
9. इस कविता के आधार पर महात्मा गाँधी का चरित्रांकन कीजिए ।
उत्तर :-
गांधी जी एक युग है उनके अहिंसात्मक विचारधारा ने सबको आकर्षित किया . सो ज़ह घूमते है वहां सभी देश्वशी घूमते थे . सब इनकी अनुसरण करते थे .